डांसिंग कपल - ए लव स्टोरी भाग 8
भाग 8
अमर जैसे ही बाइक रोकता है तभी तारा की आँख खुलती है।
तारा आँखे मलते-मलते बोलती है ये कहाँ ले आये तुम मुझे, ये तो डांस स्कूल नहीं है?
मेरी कुम्भकर्ण तारा जरा आँखें खोलकर देखो तो सामने क्या लिखा है?
ओह यह तो दिल्ली हाट है, मेरी मनपसन्द जगह। लेकिन हम डांस स्कूल क्यों नहीं गए?
उतरोगी बाइक से कि सब यहीं बैठे-बैठे पूछोगी?
अरे हाँ, उतरती हूँ ना।
अमर तारा का हाथ अपने हाथों में लेता है और दोनों दिल्ली हाट के भीतर प्रवेश करते हैं। दिल्ली हाट के बाहर मेहंदी वाली बैठी होती है।
अमर तारा से पूछता है….मेहँदी लगवाओगी तारा? मुझे लड़कियों के हाथ में रची गहरी मेहंदी बहुत अच्छी लगती है।
नहीं अमर, दादी ने मेरे हाथ में मेहँदी लगी देख ली तो सारा घर सिर पर उठा लेगी। मेरा मूड आजकल बहुत अच्छा रहता है और वो मैं दादी के कारण खराब नहीं करना चाहती।
अमर के चेहरे पर मुस्कुराहट आ जाती है।
तभी तारा कहती है…. अमर मुझे तुमसे जरुरी बात करनी है, चलो चलकर कहीं बैठते हैं।
अमर और तारा एक पेड़ के नीचे बने बेंच पर बैठ जाते हैं।
पता है अमर कल जैसे ही घर पहुंची दादी ने हंगामा खड़ा कर दिया था तुम्हें लेकर।
तारा ने अमर को घर में हुए हंगामे के बारे में सब बता दिया।
इसलिए दादी आज मंदिर का बहाना करके मेरे साथ बस स्टॉप तक आयी थी। मुझे बस में बिठाकर मंदिर गयी थी।
ओ तारा तुम्हारी दादी कोई मंदिर-वंदिर नहीं गयी। वो तो तुम्हारे जाते ही सीधा ऑटो पकड़कर घर चली गयी थी। उनके जाने के बाद ही तो मैं तुम्हारे पीछे आया था अगले बस स्टॉप पर।
हाय राम! दादी तो पीछे ही पड़ गई है हमारे, अब क्या होगा अमर?
वैसे तुम्हारे घर में क्या स्थिति है हमें लेकर?
क्या बताऊँ तारा तुम्हें, तुम सुनोगी तो तुम्हें अच्छा नहीं लगेगा?
बोलो ना अमर प्लीज….
तारा मेरे घर में मेरे पापा की चलती है, हर निर्णय पापा का ही होता है। मम्मी तो बस हाँ में हाँ मिलाती है।
आज सुबह जब गाना गाते-गाते मैं शीशे के सामने तैयार हो रहा था, तब पाप मेरे कमरे में आये और मेरे कंधे पर हाथ रखकर कहने लगे….. देख बेटा तूने जितनी ऐश करनी है तू कर ले। जवान छोरा है अभी ना करेगा तो तू कब करेगा, मैं सब समझे हूँ।
लेकिन एक बात यह गाँठ बांध ले तू शादी तो तेरी हमारी मर्ज़ी से ही होवेगी। किसी नाचने वाली को बहु नहीं बनने दूँगा मैं अपने घर की।
पापा जैसे मैं डांसर हूँ वैसे वो भी है। आप तारा को नाचने वाली मत कहो प्लीज।
देख अमर तू है लड़का, तू कुछ भी कर सके है। ये डांस करने की छूट तो मैंने तुझे तेरा शौक पूरा करने की खातिर दे रखी है। जब तक तेरा मन है तब तक तू अपना शौक पूरा कर ले डांस का, बाकि बाद में तो तुझे मेरा बिज़नेस ही संभालना है। उम्मीद है तू समझ गया होगा।
मैंने पापा की बात का कोई जवाब नहीं दिया। हरियाणा के जाट हैं वो अक्खड़ बुद्धि वाले, उनसे बहस करने का कोई फायदा नहीं था। इसलिए मैंने चुप रहना ही बेहतर समझा।
तारा की आँखों में आंसू आ गए और रोते-रोते तारा कहने लगी….. अमर कहीं तुम मेरे साथ घूम-फिरकर, मेरे करीब आकर मुझे छोड़ तो नहीं दोगे ना?
अमर तारा के आंसू पोंछते हुए……. नहीं तारा ऐसा दिन मेरी जिंदगी में कभी नहीं आयेगा लेकिन यही सवाल अगर मैं तुमसे करूँ तो तुम्हारा जवाब क्या होगा?
जो तुम्हारा जवाब है अमर वही जवाब मेरा भी है।
अमर खुश होकर कहता है….. फिर तो कोई परेशानी की बात ही नहीं है। करने दो ज़माने को जो करना है, हम तो वही करेंगे……
क्या?
अमर गाना गाने लगता है…..
खुल्लम खुल्ला प्यार करेंगे हम दोनों….
तारा भी गाने लगती है….
अब दुनिया से नहीं डरेंगे हम दोनों
प्यार हम करते हैं चोरी नहीं
मिल गए दिल ज़ोरा-ज़ोरी नहीं
हम वो करेंगे जो दिल चाहे
हमको ज़माने से क्या…
दोनों खूब हँसते हैं इस बात से बेखबर कि आने वाले दिन उनकी जिंदगी में एक नया तूफ़ान लाने वाले हैं।
❤सोनिया जाधव
Arshi khan
17-Dec-2021 09:11 PM
कुछ शैली में बदलाव, पापा भी बन गए विलेन देखते आगे क्या होता है।
Reply
क्रिया क्रिया
16-Dec-2021 07:59 PM
Kya tuufan ata h intjar rhega।
Reply